महापुरुष स्वामी विवेकानंद | ऑनलाइन बुलेटिन
भारत के धर्म महानायक।
विधाता रूप महापुरुष लायक।।
वेदांत के आध्यात्मिक गुरु।
जन हृदय में चेतना किए शुरू।।
जन्म लिए कायस्थ परिवार।
कलकत्ता नगरी बना संसार।।
विद्या स्वामी नरेंद्र नाथ दत्त।
सनातन धर्म का पथ प्रदत्त।।
रामकृष्ण मिशन के अग्रदूत।
विश्वनाथ और भुनेश्वरी सपुत।।
गुरु परमहंस के प्रिय शिष्य।
राम, कृष्ण परमेश सदृश्य।।
कुशाग्र बुद्धि धर्म अनुगामी।
सभ्यता और संस्कार स्वामी।।
देशभक्त, प्रतापी, सन्यासी।
देव-देवी, कर्मफल विश्वासी।।
विद्यासागर से लिया संज्ञान।
हिंदू शास्त्र, दर्शन का ज्ञान।।
शास्त्रीय संगीत के थे ज्ञाता।
कला और साहित्य के विधाता।।
संस्कृत, बंगाली के पंडित।
अनैतिक, अधर्म को करते खंडित।।
विलक्षण प्रतिभा, श्रुतिधर।
विश्व अलौकिक वचन विवर।।
कर्म, राज, ज्ञान, भक्ति योग।
अद्यतन भारत कृतियां प्रयोग।।
तन गेरुआ पट किए धारण।
पैदल ही किए विश्व भ्रमण।।
विश्व धर्म परिषद् प्रतिनिधि।
भारत के महान संचित निधि।।
अमेरिका में किए सम्मेलन।
बहनों और भाइयों का उद्बोधन।।
उठो जागो, अनमोल वचन।
हर आत्मा ईश्वर का सदन।।
एक समय में एक काम करो।
बाकी सब कुछ भूल जाओ।।
अच्छी बात का मज़ाक बनता।
फिर उसे स्वीकारा जाता।।
तुम चिंता नहीं, चिंतन करो।
नए-नए विचारों को जन्म दो।।
एक और विवेकानंद चाहिए।
क्या किया समझाने के लिए?
ध्यान ब्रह्मरंध्र महासमाधि।
बेलूर गंगा तट चंदन अंत्येष्टि।।