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वीर सपूत | ऑनलाइन बुलेटिन

©प्रज्ञा शर्मा 

परिचय– अल्लापुर, प्रयागराज


 

 

 

जो शौर्य देश की गाथा गाते

वीर सपूत कहलाते हैं ।।

मातृभूमि की रक्षा का प्रण लेते

सीमा पर दुश्मन से भिड़ जाते हैं।।

दुश्मन का सीना छलनी कर तिरंगे की शान बचाते हैं।

चट्टानों की भांति अडिग रहते हर मुश्किल को हँस कर सहते हैं।

भाल हिमालय के जैसा अद्भुत उनकी प्रभुताई है ।

धन्य वीर जिसमें भारत मां की लाज बचाई है।

बहन की राखी के धागे का रख मान सीमा पर तिरंगे की डोर थामे है।

फर्ज की खातिर रिश्तो से नाता तोड़े है।।

देश की खातिर धारा से नाता जोड़े हैं।

अपनी मां की गोद को सुना करते, धरती मां की गोद समाते है।

देश की खातिर सीने पर गोली खाते भारत माँ की जयघोष लगाते हैं।

जो शौर्य देश की गाथा गाते वीर सपूत कहलाते हैं।।।।

 

सौजन्य-

©रामभरोस टोण्डे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 


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