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हे महवीर | ऑनलाइन बुलेटिन

©उषा श्रीवास, वत्स

परिचय– बिलासपुर छत्तीसगढ़


 

आनंद ही आनंद बरस रहा,

हे महावीर तेरे आंगन में ।

आशीष मिले जबसे मुझको,

खुशियां बरसे घर आंगन में।। २।।

 

हे अंजनेय तू कितना प्यारा,

तुझे पाकर पाया जग सारा।

जीवन के हमारे सुख सागर,

आनंद है भरा तेरे दामन में ।।

आंनद ही आंनद……

तू प्रेम की है ज्योति प्यारी,

तेरी महिमा कितनी है न्यारी।

तेरा प्यार मिला जबसे हमको,

खुशियां बरसे मेरे जीवन में ।।

आंनद ही आंनद……


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