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लोकतंत्र की पहचान | ऑनलाइन बुलेटिन

©जलेश्वरी गेंदले, शिक्षिका

परिचय– पथरिया, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

जनता के द्वारा

जनता के लिए

बनी सरकार

यही है लोकतंत्र की पहचान।

 

मिलती है स्वतंत्रता 

भाईचारा सम्मान

नहीं दर्जा

किसी के लिए अपमान

यही है लोकतंत्र की पहचान।

 

निर्मल सबल बने

सबल में हो मानवता

ऊंच-नीच की भाव

नहीं है इसे जचता

न ही हो भेदभाव

यही है लोकतंत्र की पहचान।

 

आवाज बुलंद कर

अधिकार की ललकार

मतदान, नागरिकता

समान दर्जे में मिले है सबको अधिकार

एकता ,समानता, बंधुत्व

लोकतंत्र का एकमात्र आधार

यही है लोकतंत्र की पहचान

 

जनता को खुद के लिए

अब होनी पड़ेगी तैयार

तभी तो सुरक्षित रहेगी

लोकतंत्र करती है एकता की बात

लोकतंत्र खुला  आसमान

पंख लगा उड़े जहां निर्बल सफल इंसान।

 


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