तेरे गांव में | ऑनलाइन बुलेटिन
©उषा श्रीवास,बिलासपुर छत्तीसगढ़
परिचय- एमए में गोल्ड मेडलिस्ट, हॉकी में नेशनल चैम्पियन व महिला एवं बाल विकास अधिकारी बिलासपुर जिले में पदस्थ.
दर्द हुआ था फूटे,
जब ये छाले पांव के,
रस्ते हुए विरान,
गोरी तेरे गांव के।
हुए वहीं बदनाम,
जहां पर मान था,
काबिल रहे ना तेरी,
जुल्फों की छांव के।
सजा कर्मों की भोग,
आज रहे इस जगह,
पता पूछते घूम रहे,
बेगाने ढ़ांव के।
बहारें खो गई हैं,
यहाँ पतझड़ के साये में,
मजनू हुए बरबाद,
गोरी तेरे गांव में।
चीर हरा तब सबने,
आंखों के सामने,
बिन सोचे बिन समझे,
जब लगाये दांव थे।