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पूछता है भारत? | Newsforum

©अनिल बिड़लान, हरियाणा


 

 

एक ओर चीख दब के रह गई

सुबह सवेरे आज की भौर में

कलंकित, अपमानित, अभिशापित

इस दिल्ली के भयानक शोर में

 

क्या उनको आज श्मशान घाट में

कंजक नहीं दिखी नौ वर्षीय बच्ची में

करके दुष्कर्म अंग अंग जलाया

राजधानी के ही श्मशान घाट में

 

कितनी पीड़ा व दर्द हुआ होगा

बेटी के कोमल शरीर में

नदी सा उफान आया होगा

आँखों से बहते अश्रुओं में

 

क्या पहल हुई दो दो सरकारों में

क्या रही होगी चर्चा धर्म के ठेकेदारों में

जब इनको डर नहीं भगवान का, फिर

क्यों झूठे पाखंड रचते ईश्वर के दरबारों में

 

क्या आज भी पूछता है भारत ?

और कितनी बलि चढ़ेगी बेटी इस देश में

गरीब बेटी को न्याय दिलवाने के लिए

क्या आज भी जल उठेगी मोमबत्ती सारे देश में?


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