जागरण जय भीम का | ऑनलाइन बुलेटिन
©जलेश्वरी गेंदले
परिचय– शिक्षिका, मुंगेली, छत्तीसगढ़
जय भीम नाम एक आवाज है,
आगाज है, ललकार है, यलगार है,
उस शोषित, पीड़ित वंचित की आवाज है,
जो सदियों से गुलाम रहे समाज को
एक नई दिशा दे
खुशनुमा जिंदगी जीने का अधिकार है
सम्मान, स्वाभिमान के लिए
सारी खुशियां लुटा संघर्ष किया
जय भीम नाम आवाज है।
मजलूम मजदूरों की ताकत है
जो बंधुआ मजदूरों के लिए
एक समय निर्धारण कर दिया आराम है
एक मां के लिए प्रसूति अवकाश है
नर- नारी को समानता का अधिकार है।
जय भीम नाम एक आवाज है
हजारों साल की गुलामी की बेड़ियां
काट समुद्र पार कर
भारत को विदेशों में दिया सम्मान है
विश्व की विद्वानों में भारत का
जय भीम नाम एक खास है।
जब -जब होती है
जुल्म सितम
तब आवाज उठे
जय भीम आवाज है
हारे हुए का हिम्मत है
थके हुए की साहस है
रुके हुए को मिले अवसर है
अन्याय से न्याय मिले है
जय भीम दरियादिली का सागर है
जहां हर मानव
इंसानियत भाव समझ
समानता का संगम होता है
जय भीम आवाज है।