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जय जय हनुमान | ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा, आज़ाद

परिचय– गजनपुरा, बारां, राजस्थान.


 

जय जय हनुमान, जय जय हनुमान।

राम के सच्चे भक्त तुम, भक्तों की शान।।

जय जय हनुमान——————-।।

 

 

अंजन पुत्र तुम हो, आज्ञाकारी।

संकटमोचक तुम हो, ब्रह्मचारी।।

राम के हो लाड़ले तुम, बड़े बलवान।

जय जय हनुमान——————-।।

 

 

संजीवनी बूटी लाकर, लक्ष्मण को बचाया।

सीता की रक्षा के लिए, लंका को जलाया।।

नहीं कोई दूजा तुमसा, देशभक्त इंसान।

जय जय हनुमान——————-।।

 

 

अधूरी है रामायण, तुम्हारे बिना।

जीवन अधूरा राम का, तुम्हारे बिना।।

राम और रामायण की है तुमसे पहचान।

जय जय हनुमान——————-।।


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