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कलयुगी भगवान | ऑनलाइन बुलेटिन

©डॉ. संतराम आर्य

परिचयवरिष्ठ साहित्यकार, नई दिल्ली, जन्म 14 फरवरी, 1938, रोहतक।


 

 

 

गोधरा की याद में

 

कलयुगी भगवान

 

वो गर्भवती बहुत गिड़गिड़ाई थी

इनके सामने

हाथ जोड़े पांव भी पकड़े

 

फिर भी एक तेज धार ने

पल में फाड़ डाला था

उसका पेट

 

गर्भ से एक लोथड़ा मांस का

जमीन पर पड़ते ही

चिल्लाया

 

किंतु, अपनी जान की

चिंता किए बिना

उसके मुंह से निकला

 

कम से कम इसे तो बख्श दो

खुदा के वास्ते

पर ऐसा नहीं हुआ

 

देवकी पुत्रों की तरह

वो आकाश में विलीन न,

हो सका

 

धूर्त राक्षसों ने काट डाला

उस नन्ही सी जान को भी

सबके सामने

 

लो हार गया वो कृष्ण

सुदर्शन चक्र धारी

 

इस कलयुगी हैवान

महाभारत के

भगवान से …

 

 

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