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जिंदगी तुझे सलाम | ऑनलाइन बुलेटिन

©जलेश्वरी गेंदले, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

जिंदगी तुझे सलाम
कभी खुशियों का अभाव
कभी अपनों के बीच तनाव
मिले चंद पल की खुशी
हो जाऊं मैं बावरी
भूल जाऊं जिंदगी राज है कितना गहरा
क्यों आता है जीवन में गमों का पहरा।

 

 जीवन जीना है एक वहम
घिरे हैं कई कठिनाइयों से हम
सीने में जलन आँखों में तूफ़ान
यहाँ हर शख्स है परेशान।
सुख देती है जिंदगी
गम का ही क्यों होता है एहसास
क्यों नहीं है मन में मन की बात
रहती है क्यों हमेशा खुशी की आश।

 

जिंदगी, है किसकी तलाश तुझे
तेरे अंदर ही है खुशियां
फिर क्यों ये मन से खुशी की हैं दूरियां
मन क्यों बेचैन होता है
हरदम तेरे लिए ही रोता है
आज फिर रोना हुआ।

 

जिंदगी, तेरे पीछे ही भागा
तेरे सिवा कुछ न जाना
भटक सी गई है मन की उड़ान
सूना-सूना सा लगे जहांन
जब तक ना सुनूं  तुझे।

 

जिंदगी मैं जीउंगी तुझे
चाहे राह कठिन हो हार नहीं मानूंगी
सारे गम झेलूंगी
आखिर जी ही लूंगी तुझे जिंदगी
“जीवन लंबा नहीं महान होना चाहिए “
       (डॉ बी आर अंबेडकर)
              जय भीम

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