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लॉकडाउन | newsforum

©गणेन्द्र लाल भारिया, शिक्षक, सेंट्रल स्कूल, अंबिकापुर, छत्तीसगढ़

 


लगे हे जम्मो कोति लॉकडाउन,

दिल मोर होवत हे अप-डाउन ।

 

 

छिक दे त सब्बो देखथे घुर-घुर,

डर म मोर तन होवत हे चुर चुर।

 

 

घेरी-बेरी हाथ जाथे माथा म तिपे थोरे हे,

ऐ कोरोना ह जी म जंजाल डारे हे।

 

सुन्ना होगे हमर गाँव के गली खोर,

देश म आगे चीन ले कोरोना चोर।

 

 

अइसन दिन आगे दूर रहे म मजा,

पास रहे म सब्बो ल हो गेहे सजा।

 

घर म रहे ले खाना पीना नई सुहावय,

कब ले ए कोरोना के छक्का छुड़ावय।


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