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महापर्व गणतंत्र दिवस | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरीश पांडल, विचार क्रांति, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

देश के लोगों के लिए
सबसे बड़ा पर्व है
मिली हमें आजादी
26 जनवरी पर गर्व है
सोने- चांदी, हीरे- मोती
से भरा भंडार हो
गुलामी की जंजीरों
से जकड़ा संसार (देश) हो
नहीं भाता वह धन दौलत
जो आजादी छीन लेता है
गरीबी, मुफलिसी में
वह सुख है
जिसमें आजादी का पैमाना है
यह आशा और उम्मीद
करते मानव सर्व (सब)  है
देश के लोगों के लिए
सबसे बड़ा पर्व है
मिली है आजादी हमें
26 जनवरी पर गर्व है
सोने के पिंजरे में कैद रखो
किसी बेजुबान पक्षी को
चार वक्त उसे भोजन कराओ
फिर भी वह मचलता है
आजादी के लिए
चाहता तो मजे से जीवन
जी सकता है
किसलिए वह आजादी
चाहता है?
इस जग में प्रत्येक जीव को
अपनी स्वतंत्रता से प्यार है
गुलामी का जीवन किसी को
नहीं स्वीकार है
दुनिया के सभी जीवधारियों
का सबसे बड़ा मर्म है
देश के लोगों के लिए
सबसे बड़ा पर्व है
मिला है आजादी हमें
26 जनवरी पर गर्व है
गणतंत्र दिवस अमर रहे
देश की सब लोग कहें ….

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