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महात्मा गौतम बुद्ध….

©अशोक कुमार यादव (शिक्षक)

परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

 

क्षत्रिय शाक्य कुल में लुंबिनी नगर जन्मा सिद्धार्थ।

ज्ञान और उपदेशों से जन समूहों को करने कृतार्थ।।

जन्मोंत्सव में साधु दृष्टा आसित बन गया उद्घोषक।

बनेगा विशाल सम्राट या फिर पवित्र पथ-प्रदर्शक।।

अति परोपकारी, उदार, करुणा और दया के स्वामी।

मानव, पशु और पक्षियों के रक्षक, सत्य अनुगामी।।

धर्म-शास्त्रों में प्रवीण, वेद और उपनिषद के ज्ञाता।

राजकाज और युद्ध-विद्या में निपुण, कर्म विधाता।।

वैभवशाली ऋतु महल में सुख-शांति से जीवन यापन।

दास-दासी सेवक, नाच-गान, आनंद और मनोरंजन।।

मधुमास में मनोविनोद करने गया सुंदर उद्यान दीप्ति।

बूढ़ा, रोगी, अर्थी, सन्यासी के दृश्य देख हुई विरक्ति।।

जवानी, स्वास्थ्य और जीवन को मन ही मन धिक्कारा।

तपस्वी बन, वासना और भावना से मिलेगा छुटकारा।।

अन्न और जल त्याग,बोधि वृक्ष के नीचे लगाया ध्यान।

बौद्ध धर्म की स्थापना कर,बन गया गौतम बुद्ध महान।।

 

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