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मंगल किरण | ऑनलाइन बुलेटिन

©संजय वासनिक, चेंबुर, मुबंई


 

नज़र ना आती कोमल किरण

बंद हो गया कलियों का खिलना ।

बह रहा निरंतर शीतल वायु

धुआं-धुआं सा आसमां सारा ।

निकले जब भी घूमने बाहर

ध्यान रखना है मौसम का जरा ।

गर्म कपड़ों का रखना ख़्याल

नहीं तो होगा सर्दी से बेहाल ।

सब्र रखना होगा थोड़ा जरा सा

तभी तो मंगल किरण करेगी सवेरा ।

 


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