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मोहित | ऑनलाइन बुलेटिन

©अशोक कुमार यादव

परिचय– मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

 

जन्म लिया मेरे नन्हें सपूत मोहित

गोल धवल बदन किया सम्मोहित

सर्व कुटुंब हर्षित हुए देख मुखड़ा

वर्षों बाद प्यासा को मिला अमृत

 

पर देख ना पाया मैं अपने पुत्र को

रोक ना पाया बड़े मूल के सूत्र को

सत्ताईस दिनों तक था मैं तुमसे दूर

पत्र में बनाता था तुम्हारे चित्र को

 

नदी के सात घाट से सलिल लाया

पूजा पाठ की वस्तुएं विविध पाया

लकड़ी का त्रिकोण बनाया खटिया

तेल भरे कोपरा में देखा मुख माया

 

रो पड़ी मेरी दोनों नैन,हस पड़ा मुख

कुछ दिनों का वनवास लिखा दुःख

अब मिलन का मौसम आ गया प्रिय

हर्षोंल्लास के साथ जन्मोत्सव सुख

 

आज्ञाकारी, अनुशासित, अन्वेषी लाल

ज्ञान में प्रवीण कौशल अर्जन कमाल

तुम बनोगे एक दिन प्रतिष्ठित व्यक्ति

मेरा आशीर्वाद तुम्हारे लिए बेमिसाल


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