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बाल दिवस पर मासिक ई पत्रिका नव साहित्य के नवम्बर अंक का हुआ विमोचन | Onlinebulletin

Onlinebulletin.in | मासिक ई पत्रिका नव साहित्य के तृतीय अंक का आनलाइन विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अनिल शर्मा अनिल द्वारा बाल दिवस पर किया गया। विमोचन के अवसर पर संरक्षक सुधीर श्रीवास्तव, संस्थापक एवं संपादक अमित कुमार बिजनौरी, पत्रिका के तकनीकी अधिकारी हंसराज सिंह हंस, महासचिव डा.मोहित कुमार, सलाहकार नरेश द्विवेदी शलभ, बाबा कल्पनेश, सत्य प्रकाश पांडे, प्रो.शरद नारायण खरे, सरोज दुगार, साधना गर्ग, नागेंद्र नाथ गुप्ता, हर किशोर परिहार, सरिता त्रिपाठी, गिरीश पांडे, कवि दिनेश विकल, आनन्द पाठक अभिनव, बबीता कुमारी, ज्ञानेश्वर आनन्द ज्ञानेश, प्रमोद कुमार धीमन, संजीव दीपक, कुलदीप रुहेला, संदीप खेरा, ओम प्रकाश श्रीवास्तव एवं गुस्ताख हिन्दुस्तानी सहित अनेकों प्रतिष्ठित कवियों, कवयित्रियों एवं साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थित रहे।

 

विमोचन के अवसर पर डॉ अनिल ने नव साहित्य परिवार भारत और उसके संस्थापक एवं पत्रिका के संपादक अमित कुमार बिजनौरी की भूरी- भूरी प्रशंसा की। मंच के तकनीकी अधिकारी हंसराज सिंह हंस की भी उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि हंस का साहित्य के प्रति समर्पण और सेवा भाव तथा सभी के प्रति निःस्वार्थ सहयोग की भावना सराहनीय है। सार्थक और सृजनात्मक प्रयास के लिए मंच और पत्रिका के पदाधिकारियों की भी उन्होंने हौसला अफजाई की।

 

स्वरचित बाल कविता की कुछ पंक्तियों के साथ विमोचन प्रारम्भ करते हुए उन्होंने जहां पत्रिका के आवरण से लेकर पृष्ठ भाग तक की सामग्री पर विस्तार से प्रकाश डाला और पत्रिका की गुणवत्ता की सराहना किया, वहीं संपादक मंडल का भी मनोबल बढ़ाया और शामिल रचनाकारों को उनकी उत्तम रचनाओं के लिए साधुवाद देते हुए रचनाओं पर अपने संक्षिप्त विचार भी प्रकट किए।

 

नव साहित्य परिवार भारत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिजनौर की उर्वर धरती ने जहाँ कई नामी गिरामी संपादक दिए हैं वहीं पर यह नव साहित्य परिवार भारत पटल जिस तीव्र गति से अपनी छाप छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है, उससे साफ जाहिर है कि अमित कुमार बिजनौरी और हंसराज सिंह हंस का अद्भुत सामंजस्य निश्चित ही अपने हर लक्ष्य को प्राप्त करेगा। महासचिव डा.मोहित कुमार, सुधीर श्रीवास्तव और अन्य सहयोगियों की भी उन्होंने प्रशंसा की।

 

कार्यक्रम के अन्त में तकनीकी अधिकारी हंसराज सिंह हंस ने डा. अनिल को पत्रिका का विमोचन कर पटल को गौरवान्वित करने और सम्पादक मण्डल का मनोबल बढ़ाया। साथ ही उपस्थित समस्त साहित्य मनीषियों का परिवार की ओर से आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद प्रदान किया और विश्वास दिलाया कि ई पत्रिका के हर अंक के साथ कुछ न कुछ नया करने का प्रयास जारी रहेगा।


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