.

मां | Onlinebulletiin

©इंदु रवि, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश


 

 

मां मेरी दुनिया, मां मेरी जन्नत है

मां होती तो पूरी होती, हर मन्नत है

मां को कभी नाराज ना करो

मां को जिसमें खुशी ना हो

वो काज ना करो ।

मां बीमार हैं तो सबसे पहले

उनका ध्यान रखो

बेशक काम आज ना करो ।

जन्मदाता की सेवा से

बड़ा कुछ भी नहीं,

मां हैं तेरे सामने इस

बात का नाज करो ।

मां को भूलकर भी भुला ना देना ।

बहु हो तो सास भी बनोगी

इस बात पे ध्यान देना ।

मां हैं आज तुम्हारे सामने

कर्ज उतारने का प्रयास करो ।

अपने जड़ को सिंचो ,

ना कोई आडंबर खास करो ।

बड़े बुजुर्गों को सिर्फ सम्मान चाहिए ।

उम्र बिता दिए,परिवार और

घर के संरक्षण में,

उन्हें बस इज्जत का दो मुट्ठी

अन्न चाहिए ।

बुजुर्गों की सेवा कर के सुकून मिलेगा ।

घर में प्रेम का पुष्प खिलेगा ।

 


Back to top button