शास्त्री जी | Onlinebulletin.in
©रामकेश एम यादव, मुंबई
जय जवान और जय किसान
शास्त्री जी का नारा था।
भारत माता का वह गौरव
जैसे चाँद – सितारा था।
कुर्ता धोती गांधी टोपी,
मन भी उनका सादा था।
देश – प्रेम और समरसता
अंदर से उनमें जागा था।
सन पैसठ की जंग में वो
पाक को धूल चटाए थे।
जग में भारत की ताकत को
देखो वो दिखाए थे।
छोटा कद था पर सोच बड़ी
न बाधाओं से डरते थे।
ज्ञान ज्योति के बलबूते वो
बैरी से सीधे लड़ते थे।
इतनी बड़ी शख्सियत को हम
कभी भुला नहीं पायेंगे।
कोटि कोटि नमन है उनको
हम भी चमन सजायेंगे।