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मुख वीणा दे मधु बंसी | ऑनलाइन बुलेटिन

©वंदिता शर्मा

परिचय- शिक्षिका, मुंगेली, छत्तीसगढ़.


 

 

बसंत पंचमी

ओहो आया आनंद ,

धरती झूमी ,

भौरों ने रस कलियां चुमी।

पीले पीले सरसों में आने लगी कलियां

झूम उठे नायेंगी सारी नगरिया

मुख वीणा दे मधु बंसी

भौरों ने रस कलियां चुमी।।

 

यूं तो बसंत पंचमी को मदनोत्सव के रुप में भी मनाते हैं। बसंत पंचमी का त्योहार पावन दिन देवी मां सरस्वती के अवतरण दिवस में मनाया जाता है। इस दिन हर्षोल्लास से बड़े ही विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

 

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा ने जीवों और मनुष्यों की रचना की है। लेकिन सृष्टि की तरफ जब ब्रह्मा देखते हैं तो उस समय ब्रह्मा को चारों तरफ सुनसान और शांत माहौल नजर आता है।

 

इसलिये उन्हें महसूस होता है कि, कोई कुछ बोल नहीं रहा है। जिसे देखकर ब्रह्मा मायूस हो जाते हैं। जिसके बाद ब्रह्मा ने भगवान विष्णु से अनुरोध किया की और विष्णु ने कमंडल से पृथ्वी पर जल का छिड़काव किया और उस जल के द्वारा पृथ्वी हिलने लगी।

 

पृथ्वी के हिलने के बाद एक अद्भुत शक्ति मां सरस्वती के रुप में प्रकट हुई। देवी के एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में वर मुद्रा होती है और वहीं अन्य हाथों में पुस्तक और माला थी। ब्रह्मा उस स्त्री से वीणा बजाने का निवेदन करते हैं इस तरह देवी के वीणा बजाने से संसार के सभी जीव-जंतुओं को आवाज मिल जाती है। वह दिन बसंत पंचमी का दिन था और तभी से देवी सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में यह पर्व मनाया जाता है।

 

रंग पीला त्यौहार के साथ जुड़ा हुआ प्रमुख रंग है, जिसका मूल सरसों के खेतों को माना जाता है जो इस अवधि के दौरान पंजाब और हरियाणा में देखा जा सकता है। पतंगबाजी भी आमतौर पर इस त्योहार से जुड़ी होती है। बच्चों के साथ-साथ वयस्क भी इस दिन पतंग उड़ाते हैं ताकि आजादी और आनंद मनाया जा सके।

 

इस दिन से जुड़ी एक और परंपरा युवा में पढ़ाई शुरू करने की है। छोटे बच्चे अक्सर इस दिन से लिखना सीखना शुरू करते हैं, जिसका कारण यह माना जाता है। छोटे पक्षी हमें अपने मीठे संगीत से आनंदित करते हैं जिससे हमारा मनोरंजन भी होता हैं।

 

कोयल के शानदार गीतों से हमारा दिल और आत्मा भर जाती है। सब कुछ उज्ज्वल और सुंदर दिखता है। यही कारण है कि हम बसंत पंचमी बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। गांवों में खेतों में पीली सरसों खिलने से खेतों को सुंदर रूप मिलता है। बागीचों में खूबसूरत रंग-बिरंगे फूल दिखाई देते हैं।


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