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समय की मांग | ऑनलाइन बुलेटिन

©इंदु रवि, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश


 

समय की मांग है

आओ एक हो जाएं ।

कुविचार छोड़

आओ नेक हो जाएं ।

हम लड़ेंगे तो

लुत्फ कोई और उठाएंगे

वाही आस्तिन का सांप

फिर हमें रुलायेंगे ।

सुनो , सत्य के

साधने वाले हम

प्रत्येक हो जाएं ।

समय की मांग है

आओ हम एक हो जाएं..

आओ हम सब मिलकर,

अन्धविश्वास को भगा दें ..

जो जगा नहीं अब तक

हमारा समाज

आओ उसे भी जगा दें

सुनो जाति, धर्म भूल ,

मानवता अपना लो ।

सम्यक रह पर चलो

शत्रुता दफना लो ।

क्रांति का बिगुल

बजाते रहो,कहीं

कोई जगा हुआ

भी न सो जाए…

समय की मांग है

आओ एक हो जाएं ।


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