.

उम्र की ढलान पर | Newsforum

©डॉ. संतराम आर्य, वरिष्ठ साहित्यकार, नई दिल्ली

परिचय : जन्म 14 फरवरी, 1938, रोहतक।   


 

हमने प्यार किया था इनको

उम्मीदें लगाई थी कितनी

आज कहते तुमने किया क्या है

 

पढ़ाया लिखाया इनको हमीने

काबले इज्जत की राह दिखाई

आज कहते हैं तुमने सिखाया क्या है

 

इसलिए रचाई थी शादी इनकी

अगले दिनों में संभालेंगे हमें

आज कहते हैं तुमने दिया क्या है

 

घर से बाहर किया है हमको

बुरी बदबू से भरा बता कर

कहते हैं तुमने शराब सा पिया क्या है

 

अब कहना पड़ा हमें भी यही

जल्द आने वाला है वक्त तुम्हारा भी

चख लेना तुम भी इसमें मज़ा क्या है …

 


Check Also
Close
Back to top button