.

एक बुद्ध और आने चाहिए | ऑनलाइन बुलेटिन

©मोहनलाल सोनल ‘मनहंस’

परिचय– पाली, राजस्थान


 

 

 

एक बुद्ध और

आने चाहिए, बचाने संसार।

कम करने, कूंद करने

साम्राज्यवाद की धार।।

 

अंहिसा पुरोधा महावीर का

गर हो फिर आगाज।

रोकने जो हो रही जंग

जीतने तख्त ओ ताज।।

 

हालात- ए- बयां

दर्द भरे ह्रदय विदारक।

मानव ही मानव के लिए

बन खडा संहारक।।

 

भाग रही एक माँ

अपनी दूध पीती बच्ची को

उठाकर गोद में

मानवता हो रही तार तार देखो।।

 

अपनी मातृभूमि जहां से

आंखों में लेकर नमी।

बदहवास जीवन बचाने

कहकर अलविदा सरजमीं।।

 

आज जंगे मैदान से

लहलूहान हो रही धरती।

मानवता लाचार होकर

दम तोड़ती दिख रही मरती।।

 

बंकरों में बंद होकर

जिन्दगिया टूट रही।

महायुद्ध की तरफ अब

महत्वाकांक्षा बढ़ रही ।।

 

‘मनहंस’ युद्ध नहीं

फिर बुद्ध का आह्वान हो ।

जीवन जगत भर में जीना

हर इंसान का आसान हो ।।


Back to top button