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चेहरे चमकाने वाले लोग | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरीश पांडल, विचार क्रांति

परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 


 

 

 

चेहरा चमकाने वाले लोग

कुछ ऐसा कर जाते हैं,

निकम्मे जनप्रतिनिधियों का

आज विरोध कर रहे हैं,

कल उनके ही गुणगान

करते हुए नजर आते हैं।

ये तो ऐसा जाल है साथियों

जिसमे युवा फंस जाते हैं

चेहरा चमकाने वाले लोग

ऐसा ही कुछ कर जाते हैं।

दिन के उजाले में

ये आंदोलन करते हैं।

रात के अंधेरे में

ये सौदा करने लग जाते हैं।

इनका उन्माद हावी है

युवाओं को

उन्हें सच और झूठ

नजर नहीं आते हैं।

चेहरा चमकाने वाले लोग

कुछ ऐसा कर जाते हैं।

शिकारी दाना डालता है

शिकार को फंसाने के लिए

वैसे ही नीति को

ये अपनाते हैं

अपने लोगों के द्वारा

अपने ही लोगों को

मूर्ख बनाते हैं

जो पीड़ित समाज को

नुकसान पहुंचाते?

ये उन्हें ही लाभ दिलाते हैं

चेहरा चमकाने की धुन में

ये दुश्मनों को भी

गले लगाते हैं

चुनावी कुरुक्षेत्र में

ये मूलनिवासियों को

बरगलाते हैं

बहुजन अहितकारी

पार्टियों को फायदा पहुंचाते हैं

चेहरे चमकाने वाले लोग

कुछ ऐसा ही कर जाते हैं ….

 


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