राधा स्तुति | ऑनलाइन बुलेटिन
©राजेश श्रीवास्तव राज
परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.
पंच चामर छंद
नमामि राधिका भजं,
नमामि केशवा प्रियं,
कृपालु हे दयालु हे,
नमामि माधवा प्रियं।
सुरेश्वरी तु सुंदरी,
तु कीर्ति लाडली सदा,
भजे सभी तुझे यहां,
किशोरि मोहिनी सदा।।
प्रणामि पापनाशिनी,
प्रणामि मोक्षदायिनी,
सखा प्रिये तु मोहना,
तु योग की विलासिनी
बनी रहे दया तेरी,
सदैव प्रेम बांटती,
तु भानुजा लली सदा,
तु ताप शाप काटती।
सखी सदा निहारतीं,
सदैव ही बुहारतीं,
लली किशोरि रूप को,
यहाँ सदा संवारतीं।
तु वाम अंग साजती,
मुरारि साथ हो सदा,
तु प्रेमभाव मूर्ति है,
प्रणामि है तुझे सदा।।