.

राजदारी…

©श्याम कुंवर भारती

परिचय- बोकारो, झारखंड


 

आशिक ए हुश्न हूं आपका मुझसे पर्दादारी न कीजिए ।

खुली किताब हूं आपके हुजूर मुझसे राजदारी न कीजिए।

 

दिल का खजाना सारा लूटा दिया आपकी खातिर मैने।

अब कही और किसी से दिल की खरीदारी न कीजिए ।

 

दिल की खिड़की खोलिए आपका राज जान लूं जरा मैं।

जो है दिल में कह दो मुझसे छुपाने की होशियारी न कीजिए।

 

घायल हुए कितने आपकी कातिल मुस्कान काला तिल पर।

कर के कत्ल मेरा अपने कातिल हुस्न तरफदारी न कीजिए।

 

ये खबर भी पढ़ें:

10वीं और 12वीं पास के लिए 26620 से अधिक पदों पर निकली है बंपर भर्ती | India Post Recruitment 2023

 


Back to top button