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दलेस के बैनर तले हुआ तीन पुस्तकों शोषण के विरुद्ध, मोम के मानिंद तथा कुसुम वियोगी की कविताओं का लोकार्पण | ऑनलाइन बुलेटिन

ऑनलाइन बुलेटिन | दलित लेखक संघ के बैनर तले 26 मार्च 2022 को ऑनलाइन पुस्तक लोकार्पण व काव्य परिचर्चा का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से रख गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व दलित लेखक संघ की वर्तमान अध्यक्षा डॉ.अनीता भारती द्वारा की गई जबकि सफल संचालन डॉ. अंतिमा मोहन द्वारा किया गया।

 

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. प्रदीप कुमार ठाकुर द्वारा संपादित पुस्तक कुसुम वियोगी की चुनिंदा कविताएं पर परिचर्चा से हुई। प्रदीप ठाकुर द्वारा अपनी पुस्तक का विषय और पुस्तक परिचर्चा में कुसुम वियोगी के कवित्व पर अपने विचार व्यक्त किए तथा स्वलिखित कविताओं का काव्यपाठ भी किया। डॉ अंतिमा मोहन द्वारा प्रदीप ठाकुर को रचनाओं व पुस्तक पर संक्षिप्त में अपने विचार प्रस्तुत किए।

 

कवि आर एस आघात द्वारा अपनी संपादित पुस्तक पर संक्षिप्त समीक्षा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस पुस्तक का विचार उनके मन में क्यों आया। शोषण के विरुद्ध विषय पर कविताओं का चयन करना और उसमें उभरते हुए लेखकों को स्थान देना उनके लिए बहुत हिम्मत दिखानी पड़ी क्योंकि मैं स्वयं भी एक उभरता हुआ लेखक हूं इसलिए मैने उन सभी लेखक और कवियों को अपनी इस पुस्तक में स्थान दिया। कवि आर एस आघात ने पुस्तक परिचर्चा के बाद अपनी कुछ चुनिंदा रचनाओं का काव्य पाठ भी किया।

 

मोम के मानिंद पुस्तक की लेखिका एन प्रीति बौद्ध ने अपनी पुस्तक के बारे में बताया कि उनकी पुस्तक का नाम मोम के मानिंद क्यों पड़ा। पुस्तक में एक से बढ़कर एक रचनाएं समाज की स्थिति और आने वाले समय में समाज पर किस प्रकार शोषण के मामले बढ़ेंगे और उनको हमें किस तरह सामना करना है। अपनी रचना मोम के मानिंद का पाठ भी प्रस्तुत किया।

 

डॉ. अनीता भारती द्वारा अध्यक्षीय उद्बोधन के साथ संक्षिप्त में कार्यक्रम की समीक्षा प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा कि दलित लेखक संघ का प्रयास है कि दलित साहित्य में नए युग का प्रारंभ होना चाहिए अगर हमने इन नए पौधों को संभालना प्रारंभ नहीं किया तो फिर दलित साहित्य के लिए मुश्किल होगा। इसलिए हमें उभरते हुए लेखकों व कवियों को मंच प्रदान करना होगा।

 

अंतिमा मोहन ने अपने संचालन को प्रस्तुत करते हुए तीनों कवियों की कृतियों पर संक्षिप्त में अपने विचार रखे। कार्यक्रम की सराहना करने वालों में समय सिंह जौल, डॉ रविन्द्र सिंह, रामचरण अहिरवार, रजनीश कुमार अम्बेडकर, संतोष जांगडे, मोहनलाल मनहंश, प्रेम सिंह, दीपक जोशी, के पी कर्दम, पूजा सूर्यवंशी, नीलम चौधरी, नारायण दास, किरण ऑटाडे, सरोज प्रसाद, शिवनारायण सिंह, सलोचना दास, डा बालेंद्र सिंह यादव, रूपिका भनौत और मोहम्मद उबीरुद्दीन जी शामिल रहे।

 

कार्यक्रम में उपस्थित सभी लेखकों व कवियों ने तीनों लेखकों को उनकी पुस्तक के लिय शुभकामनाएं प्रेषित की तथा दलेस के इस प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा की। अंत में तीनों लेखकों ने कार्यक्रम संचालिका डॉ. अंतिमा मोहन के सफल संचालन के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।


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