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गणतंत्र दिवस और संविधान | ऑनलाइन बुलेटिन

©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़, मुंबई


 

 

भारत सरकार अधिनियम हटाकर भारत संविधान लाया।
लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली, स्वतन्त्र गणराज्य बनाया।
आज़ादी के शहीदों को याद कर, श्रद्धांजलि अर्पित करते,
देश और देशवासियों के समक्ष राष्ट्रीयता का संदेश हैं देते।

 

2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण,
डॉ. भीमराव आंबेडकर की अध्यक्ष्ता में लागू हुआ संविधान
लोकतंत्र बन सभी देशवासियों को मिला समान अधिकार,
ऊँच-नीच का भेद मिटाकर कर दिया हम सब पे उपकार।

 

देश के कोने-कोने में, परेड करवाते और तिरंगा फहराते,
इस मिट्टी और हवाओं में तिरंगा शान से मिलकर लहराते।
मन-मोहक कार्यक्रम, अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शन होता शान से,
राष्ट्रपति की सवारी निकलती लाल किला में बड़ी आन से।

 

देश में मुख्य अतिथि को बुलाकर देते हम सब पूरा सम्मान,
अतिथि देवो भव: में हमारे भारत की एक अलग है शान।
शहीदों से लेकर प्रेरणा, देशभक्ति को रखती है ज़िंदा।
भारत हमारी शान है, कभी न होने दे इसे शर्मिंदा।

 

भगत सिंह, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर ने किया उज्यारा
सर्व शक्तिमान रहे भारत देश हमारा, भारत देश हमारा।

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