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आरक्षण हमारा संवैधानिक अधिकार | ऑनलाइन बुलेटिन

©हरीश पांडल, विचार क्रांति, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

 

भीख नहीं, आरक्षण हमारा

संवैधानिक अधिकार है

जितनी हमारी जनसंख्या है

उसके मुताबिक ही स्वीकार है

 

हम अपने अधिकारों

की लड़ाई जरुर लड़ेंगे

अपने आंखों के सामने

अपने अधिकारों को

छीनने नहीं देंगे

अपने प्रतिनिधित्व को

खत्म होने नहीं देंगे

छीनने वाले हुक्मरानों को

मुंह तोड़ जवाब देंगे

आज फिर से उल गुलान

की जरुरत है

सारे शासकीय पदों को

सवर्णों को सौंपना ही

मनुस्मृति की वापसी है

एससी, एसटी, ओबीसी

फिर भी करते चापलूसी हैं

स्वाभिमान को क्यों भूलते हो

शत्रु और मित्र की

पहचान करो

अधिकारों को हासिल करने

अब किसी से मत डरो

पदोन्नति में आरक्षण

के आंदोलन को तेज करो

अभी नहीं तो कभी नहीं

इस बात को साबित करो

आंदोलन करो, आंदोलन करो

पदोन्नति में आरक्षण

भीख नहीं अधिकार है

इसमें समझौता

नहीं स्वीकार है

 

पदोन्नति में आरक्षण आंदोलन को समर्पित

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