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इज्जत | Newsforum

©नीरज सिंह कर्दम, बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश


 

 

हां

मेरा रेप हुआ

एक बार नहीं

बार बार हुआ ।

मैं चीखती रही

चिल्लाती रही ।

हाथ जोड़कर

रहम की भीख

मांगती रही ।

पर वो तो

दानव,

दरिंदे थे ।

उनके अंदर का

इंसान

मर चुका था ।

कोई रहम

नहीं आया

उनको मुझ पर ।

और

नोचते रहे

मुझे

खूंखार भेड़िए

की तरह ।

पर टूटी तो मैं

उस वक्त थी

जब

घर वालों ने कहा

चुप रहो

किसी को

कुछ मत बताना ।

यहां हमारी

बहुत इज्जत है ।

इज्जत की खातिर

आज एक

बेटी के सम्मान का

गला घोंट दिया …


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