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ऋतु रानी | newsforum

©ललित मेघवाल, निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, राजस्थान


 

मन को मोहित करने आई वसंत ऋतु मतवाली

पुष्पों की चादर ओढ़ चुकी प्रत्येक पेड़ की डाली

भौरें और तितलियों के संग

शोभा देती है बागवानी

 रस पुष्पों का चूसने उड़ रही है तितली रानी

पुष्पों का हार पहन कर ज्ञान देती है वीणा वाणी

प्रार्थना कर रहे भक्त कृपा करो सरस्वती रानी

मेरे मन में भी बसंत की शोभा फैलाओं ऋतु रानी

 कुछ शब्द ऐसे बताओ सुनकर जिसे प्रसन्न हो प्राणी

पल्लवित हो खिल उठे वसंत की करो मेहरबानी

अर्पित करता हूं शब्द गलती सुधारो वीणावानी …


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