.

स्वाभिमान | Newsforum

©सीमा वर्मा, (सरू दर्शिनी), बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

सुनो मेरे गरीब भाई तुम,

मेरी एक- एक बात सुनो तुम ।

 

तुम्हारे नाम का लेकर चन्दा,

वाह -वाही का करते हैं नाच नंगा ।

 

दाल रोटी में तुमको उलझाकर ,

ये करते हैं सब करोड़ों का धंधा ।

 

दो रोटी का टुकड़ा देकर तुमको,

इनको लेनी है बस सेल्फी चार ।

 

तुम्हारे सम्मान की उड़ा धज्जियां,

इन्हें पाना दौलत और प्रतिष्ठा अपार ।

 

तुम्हारा लाल पढ़ आगे न बढ़ जाए,

इसलिए लगे हैं रोटी में तुम्हें उलझाएं ।

 

इनके तुम छलावा में ना आना,

भले तुम नून और भात खाना ।

 

पर अपने बेटा और बेटी को तुम,

शिक्षा से कभी न वंचित करना ।

 

तुम मजदूर हो ना पढ़ पाए तो क्या,

अपने बच्चों को तुम शिक्षित करना ।

 

हालात तुम्हारे भी बदल जायेंगे,

तुम्हारे बच्चे तुम्हारा स्वाभिमान कहलाएंगे ।


Back to top button