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सामाजिक योगदान संत गाडगे बाबा जी का | ऑनलाइन बुलेटिन

©जलेश्वरी गेंदले

परिचय– शिक्षिका, पथरिया, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

 

भारत भूमि में जन्में सभी संतों गुरुओं महापुरुषों को नमन करते हुए

 

संत गाडगे बाबा जी का सामाजिक योगदान””

 

 

कभी याद भी न किए

हम सोचे भी न और न जान पाए

राष्ट्रसंत 23 फरवरी 1876 को

महाराष्ट्र अमरावती

जिले के शोंण गांव अंजनगांव में हुआ।

 

उनके बारे में कि हुए

नारायण गुरु जी ऐसा

समाज सुधारक महान।

 

सदियों से होते आ रहे हैं

गरीबों पर अन्याय अत्याचार

देख सब उनको हुआ दुख अपा र

निकल पड़े अन्याय

से लडने उठा लिए बीड़ा समाज सुधार की।

 

समय -समय मेंआएं समता लाने

कई महामानव जिनमें अनूठे रहे

एक नारायण गुरु जी हुए।

 

छुआछूत भेदभाव दूर करने

पाखंडवाद, आडंबर अंधविश्वास

ऊंच -नीच, जात -पात,

सामाजिक कुरीतियों को मिटाने

किए अथक प्रयास।

 

समाज में शोषित

पीड़ित वंचित का करने उद्धार, गौशालाए, छात्रावास, चिकित्सालय, धर्मशाला का हुआ निर्माण

मांग भीख, जुटाया धन

खुद निस्वार्थ भाव से

समाज हित को ही माना जीवन भर अपना मित

शिक्षा को ही जोर दे शिक्षित व्यक्ति की होत सम्मान

ज्ञान दिया

लोकसेवा मात्र ध्येय

मानवता के महान उपासक

20 दिसंबर 1956 को प्रकृति में हुए विलीन

प्रसिद्ध संत टुकड़ो जी महाराज ने आदरांजली अर्पित किया अपने सामाजिक समरसता के द्वयोतक

अपने गाडगे महाराज हुए संत महान।

 

अपना पूरा जीवन

समाजिक समता लाने

बीता दिया, भेद भाव मिट जाए

ऐसा करूं कोई उपाय सबसे निराला मंदिर दिए है बनाएं

जहां समानता भाईचारे हो समाये।

 

? महान समाज सुधारक संत गाडगे बाबा जी को शत शत नमन


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