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बेटा छत्तीसगढ़िया | Onlinebulletin

©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

तोरे असन बेटा रहय

जेन हमर गोठ सुनय

आगु- पाछु झन गुनय

कले चुप परे रहय

हम डोमी तैं असढिंया

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

सुत- उठ के तैं

दारु पी,

खरचा के तोला का

हे फिकर

हम हन हमर देख

तैं जिगर

एक रुपिया किलो

के चांउर ले

सोज्झे के ले अमृत नुन

भात ओला डार

रोज, पुलाव, खा

आऊ

गा ना हमर गुन

भरे गोदाम बांटा हमार

तोर बांटा माटी के हंड़िया

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

तोला लईकन के का

संसो हे

फोक्कट पढ जाहीं

स्कुल जाहीं- भात खाहीं

बिन मेहनत के

पास हो जाहीं

आधा गिलास शिक्षा पाहीं

अगास ले गिरके

रुख अटकही

बड़े नौकरी मांग नई सकैय

सरकारी लोन पा नई सकैंय

धंधा- दुकान कर नई सकैंय

साइकिल म आहीं- जाहीं

कार के उम्मीद करे नई सकैंय

चिखला- कांदा म

बुडे रईहा तभे तो

कहाहा गवंईहा

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

मनरेगा मा

बुता करिहा

बनिहार तुमन

बने रईहां

ईंटा भट्ठा तुंहर अड्डा

हमार बांटा हवाई अड्डा

चिक्कन रईही

हमार रोड

तुंहर गली- खोर मा

अड़बड़ गड्ढा

सरकारी ठेका तुम

मांग नई सकौं

टेंडर के रुपया तुंहर

कोन बाप भरही

चपरासी बन सकथौं

ओकरो खातिर

लड़- मर सकथौं

भुमि- संपत्ति के मालिक

हम हन

तुम रईहौं संगी हमार

नंगरिहां

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

जुच्छा समय के

बुता तुंहर बर

पाऊच खा आऊ

पच-पच थुंक

माखुर रमंज आऊ

ओंठ म डार

आपस म लड

कुकुर असन भुक

मुड- कान ल फोर

जेल म धधा

बईला – भंईसा कस

फंदा

घर ल बेंच वकील

मेर लुटा

छुट के फेर बाहिर आ

पौव्या पी वोंट दे

किंदर बनके बईहा

बेटा छत्तीसगढ़िया

तैं सबले बढ़िया

तोर असन बेटा रहय

हमला उमर भर

बाप कहय

वाह रे छत्तीसगढ़िया

सही म

तै सबले बढ़िया …


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