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संविधान से मिला मताधिकार | Onlinebulletin.in

©अशोक कुमार यादव ‘शिक्षादूत’, मुंगेली, छत्तीसगढ़

परिचय – प्रभारी प्रधानपाठक, मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार 2020 “शिक्षादूत पुरस्कार” से सम्मानित।

 


 

 

आओ सुना रहा हूं तुम्हें, भारत का कानून।

मिलकर उत्सव मनाएं, हृदय में रखें जुनून।।

 

भारत की सर्व जनता ही, हम भारत के लोग।

संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, सभी जन करेंगे उपभोग।।

 

संप्रभुता अवश्यंभावी, विदेशी सत्ता से मुक्त होगी।

लोकतंत्र जन शासन, सत्ता प्रजा में निहित होगी।।

 

अब कोई राजा का बेटा, पैतृक राजा नहीं बनेगा।

धर्म, जाति, बिना भेदभाव, मताधिकार से चुनेगा।।

 

सरकार ना पंथ का पक्ष लेगी, ना ही करेगी विरोध।

सर्वधर्म समभाव नजर में, धार्मिक उपासना बोध।।

 

आर्थिक विषमता दूर करने, शोषण से दिलाता मुक्ति।

विश्वास धर्म और उपासना, विचार स्वतंत्र अभिव्यक्ति।।

 

सभी व्यक्ति बराबर हैं, प्रतिष्ठा और अवसर की समता।

व्यक्ति की गरिमा लक्ष्य, जीवन गुणवत्तायुक्त क्षमता।।

 

राष्ट्र की एकता, अखंडता, भाईचारे का एक भावना।

हम सब एक ही मां के बेटे, न्याय समान हो कामना।।

 

संविधान निर्माण किए भीम, शाश्वत यह मूल आत्मा।

वंचित और उपेक्षित जनता के, हैं परमपिता परमात्मा।।

 

दृढ़संकल्पित हुई जनता, मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी।

अंगीकृत और आत्मसमर्पित, संवत् दो हजार छह विक्रमी।।

 

 

 


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