खुदकुशी | ऑनलाइन बुलेटिन
©अशोक कुमार यादव
परिचय– मुंगेली, छत्तीसगढ़
मैं प्यार में धोखा खाया हूं,
प्रेमिका पर था खूब विश्वास।
क्या करूंगा जीवन जीकर,
उनकी लौटने का नहीं आश।।
टुकड़ों में बट गया मेरा दिल,
जहर बन गया उनकी बात।
छिन गया मेरा वर्षों का प्यार,
कर लिया आज आत्मघात।।
हाय! निष्ठुर, कपटी, बेवफा सुंदरी,
छल किया प्यार का ढोंग करके।
जन्मों का प्रेमबंधन क्या झूठ था,
जा रहा हूं तुमसे बहुत दूर मर के।।
छोड़कर साथ रुला दिया तूने मुझे,
व्याकुल हो रहा है मन तुम्हारे बिना।
मैं लायक नहीं ऐसा हो नहीं सकता,
किसने भड़काया है तुझे हसीना।।
मैं चला गया तुम खुश रहना हमेशा,
मुझसे अच्छा मिल गया है आशिक।
पा न सका तुझे, भर न सका बाहों में,
मेरा प्यार अटूट, अपूर्व, ऐतिहासिक।।