अंधश्रद्धा | ऑनलाइन बुलेटिन
©हरीश पांडल, विचार क्रांति
परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़
अंधविश्वास के नाम पर
कर रहे हैं लूट
चोर-चोर मौसेरे भाई
दे रहे हैं छूट
उनके प्रपंच का जब कोई
भंडाफोड़ करे तो
उसे बताते हैं झूठ
अंधश्रद्धा के नाम पर
कर रहे हैं लूट
बड़े- बड़े अपराधों से
बड़ी है उनकी करतूत
अगर यह सब ना
रोका गया तो
समाज जायेगा घुट
अंधविश्वास के नाम पर
कर रहे हैं लूट
मिथ्या बातों को छोड़कर
विज्ञान को अपनाओ
अपने नहीं तो, आने वाली
पीढ़ी को बचाओ
अधिकार तुम्हें देने वाले
संविधान को बचाओ
क्यों नहीं सोच रहे हो ” सब “
दुनिया में नहीं है कोई
आसमानी, चमत्कारी “रब “
अब तो सोचो
अब तो जागो
अंधश्रद्धा का हाथों में
लपेट रहे हो ” सुत “
अंधविश्वास के नाम पर
कर रहे हैं लूट
चोर-चोर मौसेरे भाई
सब दे रहे हैं छूट …..