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सही निर्णय लीजिए | ऑनलाइन बुलेटिन

©द्रौपदी साहू (शिक्षिका), कोरबा, छत्तीसगढ़

परिचय– जिला उपाध्यक्ष- अखिल भारतीय हिंदी महासभा.


 

कुछ लोग इतने अच्छे होते हैं कि वे दूसरों की मदद करके, दूसरों को खुशी देकर खुश रहते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो दूसरों के हर कार्य पर नज़र रखते हैं और उनके कार्य और खुशी उन्हें बर्दाश्त नहीं होती।

 

जब हम खुश रहने की कोशिश करते हैं और खुश रहते हैं, तो दूसरे हमसे जलने लगते हैं और वे हमारी खुशी को मायुसी में बदलने की सोचते हैं। उनके मन में यह चलते रहता है कि आखिर ये इतना खुश क्यों है? ऐसा कौन सा खजाना मिल गया है? जो इतना खुश है! किसी की खुशी भी, किसी के दुःख का कारण बन जाता है।

 

दुःख का कारण इसलिए बन जाता है क्योंकि उसके मन में उसके लिए ईर्ष्या का भाव आ जाता है। सारी सुविधाएँ एवं सारी खुशियाँ मिलने के बाद भी लोग दूसरों से ईर्ष्या करना नहीं छोड़ते। अपनी ईर्ष्या के कारण ही, वे अहितकर सोचने लगते हैं और सामने वाले को जाने-अनजाने में नुकसान पहुँचा बैठते हैं।

 

ज़िंदगी में यदि कोई खुशी-खुशी किसी की मदद करता है, तो दूसरे या उसके अपने ही उनके इस कार्य से कभी-कभी नाखुश हो जाते हैं और कभी-कभी कुछ असहनीय आरोप भी लगाने लगते हैं। आरोप लगाने वाला यह ज़रा भी नहीं सोचता कि वह सही है या गलत या उसके द्वारा लगाए आरोप का क्या परिणाम होगा? वह बिना सोचे समझे कुछ भी बेमतलब की बातें करता है। आरोप लगाता है।

 

उसके ऐसे बर्ताव या व्यवहार से प्रभावित होना तो स्वाभाविक है किंतु हमें यह पता होना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं? यदि हम सही हैं और हमारे द्वारा किया गया काम सही हैं, तो हमें किसी की नकारात्मक बातों से ज्यादा प्रभावित नहीं होना चाहिए।

 

जीवन में अनेक चुनौतियां आतीं हैं, जो हमें असमंजस में डाल देते हैं कि हम क्या करें? इस तरह असमंजस में डालने वाले, अधिकांश लोग हमारे आसपास रहने वाले सगे-संबंधी ही होते हैं! सब के विचार भिन्न होते हैं। सब का नज़रिया अलग होता है। हमारे विचारों के अनुरूप यदि कोई कहता है तो हमें अच्छा लगता है और वह हमें हमारे नेक कार्य के लिए प्रेरित भी करता है, किंतु यदि कोई हमारे विचारों के विपरित बातें करता है या उसे हमारे कार्य पसंद नहीं होते, तो वह हमें या हमारे कार्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है।

 

हमें पता है कि हम कोई गलत कार्य नहीं कर रहे हैं, इसलिए हम दूसरों को भी यह समझाने का प्रयास करते हैं, किंतु वे इस बात को नहीं समझते और बार-बार अपनी नकारात्मक बातों से हम पर तीर छोड़ते हैं और हम घायल होने लगते हैं, क्योंकि वे हमारे अपने होते हैं। जीवन के संघर्ष में ऐसी कई चुनौतियाँ हमारे सामने आती हैं, इस परिस्थिति में हमें संयमित होकर, अपनी सूझबूझ से सही निर्णय लेने की आवश्यकता होती है।

 

कभी-कभी हम अपनों की खुशी के लिए सही निर्णय न लें, उनकी इच्छा अनुरूप निर्णय ले लेते हैं, जो कि सही व उचित नहीं होता और उसका दुष्प्रभाव भी हमें ही भुगतना पड़ता है। जीवन में हर मोड़ पर हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि हम जीवन में सही निर्णय लेकर कार्य करते हैं तो हमें भविष्य में पछताने की गुंजाइश नहीं रहती।


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