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आ जाते हैं आँखों में आँसू | ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा, आज़ाद

परिचय– गजनपुरा, बारां, राजस्थान


 

 

आ जाते हैं आँखों में ऑंसू, दिन वो याद करके।

चढ़े थे फांसी पे सपूत, जिस दिन हंसते- हंसते।।

आ जाते हैं आँखों में आँसू—————-।।

 

 

खा रहे थे सीने पे गोली, अपने वतन के लिए।

बढ़ रही थी वीरों की टोली, आजादी पाने के लिए।।

बह रही थी लहू की धारा, कट रहे थे सिर उनके।

आ जाते हैं आँखों में ऑंसू ———————।।

 

 

सीने में आग जलती है, वतन के दुश्मन देखकर।

मना रहे हैं जश्न जो, अपना चमन यह लूटकर।।

उतर आता है खूं आँखों में, इन गद्दारों को देखकै।

आ जाते हैं आँखों में आँसू—————।।

 

 

मिलकर हम खाये कसम, कभी लड़ेंगे हम नहीं।

सम्मान इस देश का, कम होने देंगे हम नहीं।।

बढ़ाना है गौरव हमें,  आबाद वतन यह करके।

आ जाते हैं आँखों में आँसू—————।।


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