जलवा है बुद्ध का | Onlinebulletin
©हरीश पांडल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
जलवा है अब
बुद्ध का
नाम ना लेना
युद्ध का
सारे जग ने माना
लोहा
बुद्ध के उपदेश का
जलवा है अब
बुद्ध का
नाम ना लेना
युद्ध का
हिंसा कर क्या पाया
अशोक ने ?
हिंसा कर क्या पाया
सिकंदर ने ?
आखिर अपनाएं
बुद्ध को
भूल गए वे
युद्ध को
विश्व विनाश की ओर
बढ रहा है
उद्देश्य बुद्ध की भूल
रहा है
एक दिन फिर
सबको
बुद्ध ही याद आयेंगे
विश्व कल्याण के
खातिर
सब बुद्ध की उपदेश
ही मानेंगे
सब भूल जायेंगे किस्सा
क्रोध का
जलवा फिर होगा
बुद्ध का
सब भूल जायेंगे पाठ
युद्ध का
अमन और शांति
फिर आयेगा
भारत विश्व गुरु तब
कहलायेगा
बुद्ध पूर्णिमा पर,बुद्ध के
चरणों में समर्पित मेरी
रचना।