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महिला है महती इला | newsforum

©सरस्वती साहू, बिलासपुर, छत्तीसगढ़


 

महिला है महती इला, दो सादर सम्मान

महती इसकी भूमिका, यह देवी वरदान

रक्षा करती माता तू , बनती सबकी ढाल

संरक्षक है नारी तू, दिव्य तेरा कृपाल

माँ, बहन, वनिता बनकर, सेवा की परिवार

मर्यादा का मान रखा, धन्य तेरा उपकार

युगों-युगों से मानवी, गाथा रही महान

नतमस्तक होते सभी, देख गुण भगवान

धैर्यशील है धरनी, नारी धरनी रूप

जो धारण करती सहज, ममता, शक्ति अनूप

महिला है महती इला, भावों की भंडार

निज स्वारथ को त्यागकर, सहती कठिन प्रहार

युग-युगों से नित नारी, होती जय-जयकार

देवता भी वास करे, हो नारी सत्कार

नारी कुल की मर्यादा, सदा रखे है मान

महिला है महती इला, फिर कैसा अपमान

जननी जीवन दायिनी, तनया पुष्प समान

नारी जीवन कामिनी, भाव भरे अरमान

महिला है महती इला, गौरवशाली जान

सबला, वीरा जो बने, बलिदानों की आन

नारी से नाते बने, नारी से परिवार

नारी रूप अनूप है, नारी से संसार

महिला है महती इला, हिय से कोटि प्रणाम

नेह भरी रचना करुं, महिलाओं के नाम …


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