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अंगना म शिक्षा योजना के तहत बच्चों का होगा समुचित विकास | Newsforum

©वंदिता शर्मा, शिक्षिका, मुंगेली, छत्तीसगढ़


 

मां की छत्रछाया में शिक्षा। अंगना म शिक्षा कार्यक्रम में इसमें माताओं के सहयोग से बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दी जा जाएगी। इस योजना में 3 से 7 साल के बच्चों को शामिल किया गया है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और व्यक्तित्व विकास पर बल दिया जाएगा। जिसमें पेंटिंग, खिलौने, विभिन्न गेम्स भी कराए जा सके, जिससे उनका बौद्धिक विकास हो सके। वहीं उनकी झिझक को दूर करना, भाषा विकास के साथ रू-ब-रू करवाया जा सके। क्योंकि मां शब्द बोलने में जितना छोटा पर उसके अंदर छिपी अनगिनत क्षमताएं हैं। क्योंकि हर बच्चे की पहली गुरु मां है। उसके अंदर त्याग, समर्पण और भोलापन सम्पूर्ण आभूषणों से परिपूर्ण है।

 

वेद-पुराणों ने भी तेरी अतुलित महिमा गाई है, मां की ममता कोई क्या मापे, सागर से ज्यादा इसकी गहराई है। एक जीवन देने को जिसने अपने, जीवन की बाजी लगाई है। हे ईश्वर! सुखी रखना मेरी मां को इसने, जीवनभर तकलीफ उठाई है।

 

मां तू सचमुच ममता की सागर, त्याग की मूर्ति है। हर युग में तेरी परीक्षा हुई है। इस कोरोना काल में भी परीक्षा की घड़ी आ गई है हर युग में तेरी विजय हुई है। आज ये संकट की घड़ी तेरे मासूम बच्चों पर आ गई वो भी मासूम बच्चों की शिक्षा पर और इस घड़ी पर शिक्षा को प्रज्ज्वलित करने में तेरी ही विजय होगी।

 

इस साल भी छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जो मासूम बच्चों के लिए प्रेरणादाई और अनुकरणीय कदम लिया है वह सपना भी मां के ममता की छांव में अंगना में हर बच्चे का भविष्य व सपना होगा साकार क्योंकि आज भी इस कोरोनाकाल में एक मां हर बच्चे के लिए ढाल के रुप में अडिग खड़ी अपने आंगन के द्वार में।

 


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