हम मानव तो हो गये | Newsforum
©सीमा वर्मा, (सरू दर्शिनी), बिलासपुर, छत्तीसगढ़
परिचय: शिक्षा- बीएससी बायोलॉजी, मास्टर ऑफ सोशल वर्क, एलएलबी अध्यनरत, सम्मान- बाल गौरव सम्मान, बेस्ट वूमेन ऑफ छतीसगढ़, छतीसगढ़ माटी सपूत सम्मान, यूपी मिनिस्टर स्वामीप्रसाद मौर्य से सम्मानित, नवल किशोर स्मृति सम्मान {यूपी} और अबतक क्षेत्रिय और राष्ट्रीय स्तर के दो दर्जन से ज्यादा पुरस्कार प्राप्त.
वक्त बे वक्त पर प्रकृति,
हमको करती रही आगाह ।
पर हम मानव तो हो गये,
लालच में अंधे बेपनाह ।
कहीं लगाई कई फैक्ट्रियां,
कहीं खड़े किये बड़े मकान ।
जब सांस लेने में हुई दिक्कत,
तो मचा रहे क्यों इतना बवाल ।
अहंकार में इतने तुम डूब गए कि,
प्रकृति का जरा भी न रखा खयाल
हवा और पानी में जहर घोलना,
तुम्हारा ही तो रहा है यह काम ।
अब क्यूं प्रकृति पर लगा रहे,
तुम चीख चीख कर इल्जाम ।
आज के सभी हालातों के,
सिर्फ तुम ही हो जिम्मेदार ।
सम्भल जाओ हे ! मानव वरना,
इसे भी भयावह होंगे परिणाम ।