लोग क्या कहेंगे | Newsforum
©प्रीति विश्वकर्मा, ‘वर्तिका’, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
परिचय- अवध विश्वविद्यालय से 2017 में बीएससी किया, कोचिंग क्लास का संचालन.
हम क्यूं सोचे? लोग क्या कहेंगे,
लोगों का काम है कहना,
लोग कहते रहेंगे,
हमारी आँखो में है इक सपना,
बस वो सपना ही तो है अपना ।
हम उसे पूरा करने को,
खामोशी से आगे बढ़ते रहेगे
हम क्यूं सोचे लोग क्या कहेंगे??
मंजिल है दूर, माना हम भी है मजबूर,
कुछ रंजिशे, कुछ है बंदिशे भी,
हमें उनसे लड़ना है,
समाज के झंझटों में, नहीं हमको फंसना है,
समाज हमसे हम है समाज से,
तो क्यूं इसके झमेले हम पड़े,
ऊंच, नीच, जाति, पाति, भेदभाव या कुरीति,
धर्म और मजहब में हम क्यूं लड़े,
हम तो बस लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे,
हम क्यूं सोचे लोग क्या कहेंगे ??