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जनम होगे गा पालनहारा के | newsforum

©द्रौपदी साहू (गाइडर) कोरबा, छत्तीसगढ़


कविता पढ़ने के साथ ही इसे सुने भी

 

 

जनम होगे गा पालनहारा के, दसरथ नंदन राज दुलारा के।

नजर हटय नीहीं कौसिल्या के, मुहुं देखय तारनहारा के।।

 

जम्मो देबी-देवता नाचय गावय।

सरसती मइय्या हर बीना बजावय।।

धरती अगासे म जम्मो कोति, गुंज हावय जयकारा के।

जनम होगे गा पालनहारा के, दसरथ नंदन राज दुलारा के।।

 

 

सजे धजे हावय अयोध्या नगरी।

राम ह जम्मो के आंखी के पुतरी।।

आगे देखइय्या, दुख हरइय्या, राम दीन-दुखियारा के।

जनम होगे गा पालनहारा के, दसरथ नंदन राज दुलारा के।।

 

 

धरती में आये, पाप मिटाए बर।

बइठे अगोरा म, जीव तर जाए बर।।

दरस पाके सफल होही, बीत जाही दिन अंधियारा के।

जनम होगे गा पालनहारा के, दसरथ नंदन राज दुलारा के।

 

 

जनम होगे गा पालनहारा के, दसरथ नंदन राज दुलारा के।

नजर हटय नीहीं कौसिल्या के, मुहुं देखय तारनहारा के।।


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