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तू तैयारी रख | ऑनलाइन बुलेटिन

©ममता आंबेडकर

परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश


 

 

देश की मिट्टी से भी यारी रख

दिल में भी तू खुशहाली रख

 

किसी को चोट न पहुंचे बातों से

इतनी तू खुद में समझदारी रख

 

पहचान हो तेरी कुछ हट कर ।

भीड़ में भी अपनी कलाकारी रख

 

पल भर है ये जोश जवानी का।

बुढ़ापे की भी कुछ तैयारी रख।

 

दिल सबसे मिलता मिलता नहीं

 फिर भी जुवान अपनी प्यारी रख

 

किसी से नफरत में क्या रखा है

हंस कर जीने की कुछ तैयारी रख

 

मत पूछ मेरी मंजिल कहा है

अपने सफ़र की तू तैयारी रख …

 


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