.

यह तस्वीर तुमको याद बहुत आयेगी | ऑनलाइन बुलेटिन

©गुरुदीन वर्मा, जी.आज़ाद

परिचय– बारां(राजस्थान)


 

 

हे मेरे यार जब तू , जायेगा दूर मुझसे।

यह तस्वीर तुमको, याद बहुत आयेगी।।

देखेगा जब भी तू , शहर कोई नया।

यह नजीर तुमको, याद बहुत आयेगी।।

हे मेरे यार जब तू ————————।।

 

 

यह जमीं, यह चमन तू ,मायूस करके अपना।

अपने अजीजों की आँखों के, तोड़कै सपना।।

जायेगा जब तू , छोड़कर यह घर अपना।

यह जन्नत तुमको, याद बहुत आयेगी।।

हे मेरे यार जब तू ————————।।

 

 

चिराग उस दिल का तू , बुझाकर चलता है अब।

मिटाकर उनके अरमान, उनको रुलाता है अब।।

मिलेगी तुमको आहे , इन बूढ़े माता-पिता की।

दुहायें इनकी तुमको, याद बहुत आयेगी।।

हे मेरे यार जब तू ————————।।

 

 

इनसे क्या भूल हुई है, जो तू है रुसवां इनसे।

ऐसा क्या देखा है तुमने, मोहब्बत में हुर्र से।।

पुकारेगा जब मदद को, तू अपनी महबूबा को।

पनाह अपनों की तुमको, याद बहुत आयेगी।।

हे मेरे यार जब तू ————————-।।


Back to top button