कृष्ण दीवानी…

🔊 Listen to this ©प्रीति विश्वकर्मा, ‘वर्तिका’ परिचय- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश.   प्रेम गली में ढूंढ रही, कान्हा तोहे प्रेम दीवानी। प्रेम है मेरा मन मोहन, मोहे मोहे रुप मोहिनी। कटि कारी करधन डारी, चले चाल मतवाली। कटि कमरी पीली बांधो, करधन धूधरू डारौ। पांव पैजनी बाजे छम छम, नाचै और नचावै। कान्हा ढूढे तोहे … Continue reading कृष्ण दीवानी…