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पीएनजी और एलपीजी के बाद अब आई एलएनजी, इस देश से हुई बड़ी डील, इन क्षेत्रों में आएगी बड़ी क्रांति, जानें पूरी खबर… LNG in India

Top News: LNG in India :

 

 

Top News: LNG in India : ऑनलाइन बुलेटिन डेस्क | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : भारत और कतर के बीच तरलीकृत प्राकृतिक गैस के लिए दुनिया का सबसे बड़ा सौदा हुआ है। इससे भारत को अगले 20 साल तक निर्बाध एलएनजी मिलती रहेगी. पेट्रोनेट द्वारा कतर से 2029 से 20 वर्षों के लिए 7.5 मिलियन टन प्रति वर्ष तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीद अनुबंध का नवीनीकरण संभवतः दुनिया में इस ईंधन की खरीद का सबसे बड़ा सौदा है।

 

इससे भारत को स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। यह बात अधिकारियों ने कही है. पेट्रोनेट के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि मूल 25-वर्षीय समझौते पर 1999 में हस्ताक्षर किए गए थे और आपूर्ति 2004 में शुरू हुई थी। (LNG in India)

 

एक भी खेप में चूक नहीं की-: तब से कतर ने कभी एक भी खेप में चूक नहीं की है और न ही उसने दाम काफी ऊंचे होने के दौरान भारतीय कंपनी द्वारा आपूर्ति नहीं लेने की वजह से ‘खरीदों या भुगतान करो’ प्रावधान के तहत कोई जुर्माना लगाया है। विस्तारित अनुबंध के तहत आपूर्ति पेट्रोनेट द्वारा उन 52 खेप (कार्गो) की डिलिवरी लेने के बाद शुरू होगी जो वह 2015-16 में कीमतों में उछाल की वजह से लेने में विफल रही थी।

 

हालांकि, अनुबंध की मात्रा कभी नहीं बदली है, लेकिन कीमत में चार बार बदलाव हुआ है। इसमें ताजा मामला भी शामिल है, जिसमें अनुबंध विस्तार पर नए सिरे से बातचीत हुई है। इसके अलावा जिस गैस की आपूर्ति का वादा किया गया था उसकी संरचना भी बदल गई है। (LNG in India)

 

इन क्षेत्रों में आएगी बड़ी क्रांति-: रासगैस (अब कतरएनर्जी) ने मूल रूप से ईथेन और प्रोपेन तत्वों वाली ‘रिच’ गैस की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया था, जिसका इस्तेमाल पेट्रोरसायन परिसरों में किया जाता है। इसने सालाना 50 लाख टन (एमटी) एलएनजी की आपूर्ति की है जिसमें methane (बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने, सीएनजी या खाना पकाने के ईंधन के उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है) के साथ-साथ ईथेन और प्रोपेन युक्त गैस की आपूर्ति शामिल है।

 

पिछले सप्ताह हुए संशोधित अनुबंध के तहत दाम कम है। इसमें कतरएनर्जी इथेन और प्रोपेन रहित ‘लीन’ या गैस की आपूर्ति करेगी। हालांकि, पेट्रोनेट के अधिकारियों ने कहा कि कतर तब तक ‘रिच’ गैस की आपूर्ति जारी रखेगा जबतक उनके पास ईथेन और प्रोपेन का उपयोग करने की सुविधा नहीं है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें ‘रिच’ एलएनजी प्राप्त होती रहेगी।’’ (LNG in India)

 

गुजरात में हुए इतने करोड़ रुपये खर्च-: सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (Oil and Natural Gas Corporation) ने कतर से आने वाली एलएनजी से ईथेन और प्रोपेन का उपयोग करने के लिए गुजरात के दहेज में एक पेट्रोरसायन परिसर के निर्माण पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इससे ऐसे उत्पाद बनाए जा सकेंगे जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक और डिटर्जेंट विनिर्माण में होता है।

 

‘वुड मैकेंजी’ के अनुसार, कतरएनर्जी और पेट्रोनेट के बीच 20 साल के लिए बिक्री और खरीद समझौते का विस्तार करीब 15 करोड़ टन की मात्रा को ‘कवर’ करता है। यह पिछले दो साल के दौरान चीन की नेशनल पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और सिनोपेक के साथ कतरएनर्जी द्वारा किए गए 10.8 करोड़ टन के दो समझौतों से बड़ा अनुबंध है। (LNG in India)

 

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