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सीयूईटी यूजी में मार्क्स नॉर्मलाइजेशन को इस वर्ष से समाप्त किया जा सकता है, देखने को मिलेगा बड़ा बदलाव

नई दिल्ली
सीयूईटी यूजी परीक्षा में इस वर्ष बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (सीयूईटी यूजी ) में मार्क्स नॉर्मलाइजेशन को इस वर्ष से समाप्त किया जा सकता है। शीर्ष अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इस अहम परीक्षा में कई बड़े बदलाव करने की योजना बना रही है। डीयू, बीएचयू, जामिया समेत देश के 250 से अधिक विश्वविद्यालयों के यूजी कोर्सेज में एडमिशन इसी प्रवेश परीक्षा के जरिए होते हैं।

दरअसल प्रत्येक सत्र में उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र के अलग-अलग सेट दिए जाते हैं। हालांकि एनटीए प्रश्न पत्रों को समान स्तर का बनाने का पूरा प्रयास करता है , लेकिन यह संभव है कि किसी पाली में उम्मीदवारों को परीक्षापत्र में कुछ कम कठिन प्रश्न मिलें, वहीं किसी पाली में उम्मीदवारों को कुछ कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़े। इसके कारण यह भी संभव है कि ऐसे उम्मीदवार अन्य उम्मीदवारों की तुलना में अपेक्षाकृत कम अंक प्राप्त करें। इस समस्या को दूर करने और परीक्षा में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, एनटीए प्रतिशत स्कोर के आधार पर अंकों के 'यूजीसी नेट सामान्यीकरण' को अपनाता है।

बेहद कम समय में कराई जाएगी सीयूईटी परीक्षा
अभी तक यह परीक्षा कम से कम एक माह तक जारी रहती थी। अब इसके कम अवधि में संपन्न कराए जाने की भी संभावना है। एजेंसी ओएमआर शीट और कंप्यूटर आधारित परीक्षा कराने की योजना तैयार कर रही है। इस कदम से यह भी सुनिश्चित होगा कि अधिकतर छात्रों को अपनी पसंद के शहर में परीक्षा देने का मौका मिले।

ओएमआर मोड में एग्जाम, बड़ी संख्या में स्कूल होंगे एग्जाम सेंटर
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ''बड़ी संख्या में पंजीकरण कराए जाने पर एनटीए ओएमआर मोड में परीक्षाएं आयोजित करने की संभावना पर विचार कर रहा है। इससे हमें परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए बड़ी संख्या में स्कूलों का चुनाव करने में मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि छात्रों को अपने शहरों अथवा कस्बों में ही परीक्षा केन्द्र मिल जाएं और उन्हें दूर नहीं जाना पड़े।''

जिन विषयों के आवेदन कम आएंगे, उनका सीयूईटी CBT मोड में
कुमार ने कहा, ''जिन विषयों के लिए अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, उनके लिए परीक्षा पेन-पेपर मोड में आयोजित करने जबकि कम संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर केवल कंप्यूटर आधारित परीक्षा कराने की पद्धति से यह सुनिश्चित होगा कि पिछले दो वर्ष की ही तरह सीयूईटी-यूजी परीक्षा कम अवधि में आयोजित की जा सकेंगी। हाइब्रिड मोड सभी के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि भौगोलिक बाधाएं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं में बाधा न बनें।'' उन्होंने कहा कि एक ही दिन में एक विषय की परीक्षा आयोजित करने से मार्क्स के नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता खत्म हो जाएगी।

 


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