🔊 Listen to this ©अशोक कुमार यादव परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़. मोर गियां ह खोपा म खोंचे हे मुंगेसर के फूल। बारी घुमेला जावत हे, कान म झूलत हे झूल।। तरी दिखे पिंयर-पिंयर, आगु जामुनी पंखुरिया। लमरी-लमरी फरे हवय, हरियर-हरियर बीजा।। फुरफुंदी अउ तितली मन उड़ावैंय बनके सहेली। ममहावत हे मोंगरा असन, भौंरा … Continue reading मुंगेसर के फूल…
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